भारत के शहरों में मैमोग्राफी टेस्ट कीमत /मैमोग्राम टेस्ट की कीमत और पूरी जानकारी(Mammography Test in Hindi)
LabsAdvisor.com के इस पूरे आर्टिकल में आप मैमोग्राफी टेस्ट/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत के बारें में जानेंगे। जो आपको ब्रैस्ट कैंसर(स्तन कैंसर) के प्रति जागरूक करता है तुरंत इस टेस्ट को बुक काने के लिए एवं जानकारी पाने के लिए कॉल करें :
भारतवर्ष में हर साल लाखों महिलाओं की मृत्यु ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer in Hindi) के कारण होती है। हमारी रोज़मर्रा की जीवनशैली और आहार में होने वाले बदलाव के कारण हज़ारों महिलाएं ब्रैस्ट कैंसर की चपेट में आती हैं। विश्व स्वास्थ्य संघटन के द्वारा हर साल लोगों को ब्रैस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक कैंप किए जाते हैं लकिन फिर भी महिलाएं ब्रैस्ट कैंसर की शिकार बन जाती हैं।
अगर ब्रैस्ट कैंसर का शुरुआत में ही पता लग जाए तो डॉक्टर इसे आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। मैमोग्राफी टेस्ट /Mammogram/Mammography की सहायता से डॉक्टर को ब्रैस्ट कैंसर के होने का पता चलता है। इसे Digital Mammography भी कहते हैं। यह जाँच X-Ray की तरह एक सामान्य जाँच है, इसमें किसी भी प्रकार का कट या सुई लगाने की ज़रूरत नहीं होती।
हम इस आर्टिकल के द्वारा आपके निम्न सवालों के जवाब देने का प्रयास करते हैं। इस लेख में शामिल विभिन्न भागों की तालिका नीचे दी गई है। जिसे आप स्वतंत्र रूप से पढ़ सकते हैं :
- भारत और अन्य शहरों में ब्रैस्ट कैंसर की जाँच के लिए मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत ?
- ब्रैस्ट कैंसर क्या है?
- भारत में ब्रैस्ट कैंसर की वृद्धि
- ब्रैस्ट कैंसर के कारण
- मैमोग्राफी या मैमोग्राम टेस्ट क्या है?
- मैमोग्राफी टेस्ट की प्रक्रिया क्या है?
- ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण
- मैमोग्राफी के लिए जाने से पहले बरतने वाली सावधानी
- मैमोग्राफी टेस्ट किसको कराना चाहिए?
- ब्रैस्ट अल्ट्रासाउंड ब्रैस्ट स्क्रीनिंग के लिए मेमोग्राम
- मैमोग्राम टेस्ट के लाभ
- दिल्ली और अन्य शहरों में मैमोग्राफी टेस्ट कैसे बुक कर सकते हैं?
यदि आप अपना मैमोग्राफी टेस्ट अभी बुक करना चाहते हैं, तो कृपया हमें +918061970525 पर कॉल या WhatsApp करें या नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अपनी जानकारी दे हमारे टीम आपको थोड़ी देर में कॉल करेगी।
भारत और अन्य शहरों में ब्रैस्ट कैंसर की जाँच के लिए मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत
भारत में रेडियोलॉजी लैब में मैमोग्राफी या ब्रैस्ट स्क्रीनिंग की जाती है। LabsAdvisor आपको सर्वोत्तम कीमत पर टेस्ट की बुकिंग करने में सहायता करता हैं। आप नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके बुकिंग कर सकते हैं।
दिल्ली / एनसीआर में मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत
दिल्ली / एनसीआर में मैमोग्राफी टेस्ट/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत | LabsAdvisor में मैमोग्राफी टेस्ट की लागत/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत |
दिल्ली में मैमोग्राफी सिंगल ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 800 |
दिल्ली में मैमोग्राफी दोनों (Both )ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 1200 |
दिल्ली में एमआरआई स्कैन मैमोग्राफी / एमआरआई ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 5600 |
मुंबई में मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत
मुंबई में मैमोग्राफी टेस्ट / Mammography Test in Mumbai/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत | LabsAdvisor में मैमोग्राफी टेस्ट की लागत |
मुंबई में मैमोग्राफी सिंगल ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 810 |
मुंबई में मैमोग्राफी both ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 1600 |
मुंबई में एमआरआई स्कैन मैमोग्राफी / एमआरआई ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 6750 |
बैंगलोर में मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत
बैंगलोर में मैमोग्राफी टेस्ट / Mammography Test in Bangalore/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत | LabsAdvisor में मैमोग्राफी टेस्ट की लागत |
बैंगलोर में मैमोग्राफी सिंगल ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 680 |
बैंगलोर में मैमोग्राफी both ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 1,360 |
बैंगलोर में एमआरआई स्कैन मैमोग्राफी / एमआरआई ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 6,000 |
चेन्नई में मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत
चेन्नई में मैमोग्राफी टेस्ट / Mammography Test in Chennai/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत | LabsAdvisor में मैमोग्राफी टेस्ट की लागत |
चेन्नई में मैमोग्राफी सिंगल ब्रैस्ट की कीमत | ₹1080 |
चेन्नई में मैमोग्राफी both ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 1700 |
चेन्नई में एमआरआई स्कैन मैमोग्राफी / एमआरआई ब्रैस्ट की कीमत | ₹8100 |
हैदराबाद में मैमोग्राफी टेस्ट की कीमत
हैदराबाद में मैमोग्राफी टेस्ट / Mammography Test in Hyderabad/मैमोग्राफी टेस्ट कीमत | LabsAdvisor में मैमोग्राफी टेस्ट की लागत |
हैदराबाद में मैमोग्राफी सिंगल ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 2000 |
हैदराबाद में मैमोग्राफी both ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 2,000 |
हैदराबाद में एमआरआई स्कैन मैमोग्राफी / एमआरआई ब्रैस्ट की कीमत | ₹ 5,200 |
ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer) क्या है?
महिलाओं में होने वाले ब्रैस्ट कैंसर सबसे खतरनाक बीमारी है। अन्य देशों के मुताबिक भारत में ब्रैस्ट कैंसर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। भारत में 20 में से एक महिला ब्रैस्ट कैंसर का शिकार बन जाती है। अगर समय रहते आप इसका उपचार नही करते है तो बाद में इसका इलाज करना असंभव है, जिसके कारण मृत्यु भी हो सकती है। अगर ब्रैस्ट कैंसर(Breast Cancer) का इलाज समय पर करा लिया जाए तो ऑपरेशन में ब्रैस्ट हटाने की जरुरत पड़ सकती है । इसलिए महिलाओं को समय के रहते साल में एक बार तो जाँच कराते रहना चाहिए।
कोशिका के विकास को नियंत्रित करने वाले genes में म्युटेशन (mutation) के होने से ब्रैस्ट कैंसर उत्पन्न होता है। कैंसर एक असामान्य कोशिकाओं की एक अनियंत्रित वृद्धि है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में शुरू हो सकता है। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिका नष्ट होकर नई कोशिकाओं को रास्ता देती हैं। इन नए कोशिकाओं का गठन सेल डिवीज़न द्वारा किया जाता है, जिसे प्रतिकृति कहा जाता है, क्योंकि बेटी की कोशिका मां की कोशिकाओं की संपूर्ण कॉपी माना जाता है। लेकिन कभी-कभी सेल डिवीजन प्रक्रिया में कुछ त्रुटियां हो सकती हैं, जिन्हें उत्परिवर्तन कहा जाता है। इस तरह के विभाजन के परिणाम-स्वरूप बेटी की कोशिकाएं असामान्य होती हैं और उन्हें cancer कोशिका के नाम से जाना जाता है। हमारे शरीर के अंदर त्रुटि नियंत्रण प्रक्रिया है जो इन कैंसर कोशिकाओं के आत्म-विनाश का कारण बनती है। ऐसा तब होता है जब क्रमागत कोशिका की यह नियंत्रण प्रक्रिया विफल होती है, ओर म्युटेशन के कारण असामान्य कोशिका का विभाजन होता हैं और उनका गुणा होता हैं। जैसे जैसे गुणा होता है सही कोशिका की जगह असामान्य कोशिका का जन्म होता है और इन कोशिका का विकास होता है, जिन्हें ट्यूमर (tumours) कहा जाता है। जैसे ये ट्यूमर (tumours) बढ़ता है, तो वह कुछ कोशिकाओं को मुक्त करता है और नए ट्यूमर बनाने के लिए खून के माध्यम से शरीर के अन्य भागों तक पहुँचता है।
जब ब्रैस्ट में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तब Breast Cancer होता है। ऐसे विकास से निर्मित ट्यूमर को ज़्यादातर गांठ या एक्स-रे के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। ब्रैस्ट कैंसर स्तन के किसी भी हिस्से से शुरू हो सकता हैं। कुछ ब्रैस्ट कैंसर दूध की नलिकाओं (milk ducts) से उत्पन्न होते हैं और वह ब्रैस्ट के बाहर फैलने की क्षमता विकसित नहीं करते। ऐसे ब्रैस्ट कैंसर Non- Invasive होते हैं, जिन्हें कार्सिनोमा (डीसीआईएस) कहा जाता है। कैंसर के इस रूप को कभी-कभी गांठ के रूप में भी देखा जाता है जो आम तौर पर mammogram में पाया जाता है। आक्रामक नली कैंसर (Invasive ductal cancer) नलिकाओं के सेल लाइनिंग में विकसित होता है और ब्रैस्ट कैंसर का लगभग 80% हिस्सा होते हैं। अन्य प्रकार के ब्रैस्ट कैंसर भी हैं जो कम आम हैं। ब्रैस्ट कैंसर रक्त प्रवाह या लिम्फ नोड्स के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। इसे मेटास्टैटिक कैंसर के रूप में जाना जाता है।
ब्रैस्ट कैंसर महिलाओं में कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। लगभग 12.3% महिलाएं अपने जीवनकाल के दौरान कुछ बिंदु पर ब्रैस्ट कैंसर का विकास करती हैं। विकसित देशों की महिलाओं में कैंसर होने की अधिक संभावनाएं दिखती हैं लेकिन विकासशील देशों (developing countries) में होने वाली ब्रैस्ट कैंसर की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
भारत में ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer) की वृद्धि
भारत में वर्ष 2012 के ग्लोबोकेन प्रोजेक्ट (Globocan Project) के आधार पर,
- ब्रैस्ट कैंसर के साथ 144,937 महिलाओं का हाल ही में पता लगाया गया था।
- 70,218 महिलाओं की ब्रैस्ट कैंसर की बीमारी से मृत्यु हो गई थी।
इसका मतलब यह है कि भारत में ब्रैस्ट कैंसर से प्रत्येक 2 महिलाओं में से एक इससे मर रहा है। जबकि अमेरिका में हर 6 महिलाओं में से एक का निधन होता है। उपरोक्त आंकड़ों की तुलना करने पर, हम आसानी से यह कह सकते हैं कि भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है। जागरूकता और शुरुआती निदान बढ़ाने के लगातार प्रयासों ने अमेरिका की मृत्यु दर को कम करने में मदद की है। इसलिए भारत को भी इसी लाइन में प्रयास करना चाहिए।
भारत के अधिकांश रोगी बीमारी के बाद कैंसर के बारे में जान पाते हैं, इसलिए वे अच्छा उपचार प्राप्त करने के बावजूद भी जीवित नहीं रहते। जागरूकता, शर्मिंदगी, सामाजिक कलंक या डॉक्टर की अज्ञानता और गलत निदान की कमी जैसे देर से प्रदर्शन के बहुत सारे कारण हैं। प्रारंभिक पहचान और पर्याप्त उपचार से लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। मैमोग्राफी टेस्ट कैंसर का शीघ्र पता लगाने में मदद करता है।
ब्रैस्ट कैंसर के कारण:
ब्रैस्ट कैंसर का कोई मुख्य काऱण अभी तक पता नहीं चला है कि ये कुछ महिलाओं में क्यों होता है और कुछ में क्यों नहीं होता है। इनके अलावा ऐसे कुछ कारण है, जिनसे ब्रैस्ट कैंसर होने की संभावना हो सकती है। जिनकी जानकारी नीचे दी गयी है:
- आयु: ब्रैस्ट कैंसर अधिक उम्र की महिलाओं (45 वर्ष से अधिक) में होने की अधिक संभावना है।
- अनुवांशिकता / Genetics: जिन महिलाओं के परिवार या रिश्ते में किसी को ब्रैस्ट कैंसर हुआ हो। उन महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर होने की अधिक संभावना होती है।
- गांठ / Lump: जिन महिलाओं को पहले ब्रैस्ट में गांठ या सूजन हो चुकी हो। उन्हें आगे जाकर ब्रैस्ट कैंसर हो सकता है।
- मोटापा: जिन महिलाओं का वज़न period/ menopause के बाद अचानक बढ़ जाता है, उन्हें कैंसर होने की संभावना रहती है।
- आदत / Habit: जो महिलाएं धूम्रपान या शराब का सेवन करती हैं।
- हॉर्मोन की गोली: जो महिलाएं काफी लम्बे समय तक एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की गोलियां लेती हों।
- विकिरण: किसी कारणवंश CT Scan और एक्स रे की विकिरण के अधिक संपर्क में रहने से।
मैमोग्राफी क्या है? / मैमोग्राम क्या है? / What is Mammography Test in Hindi?
- मैमोग्राफी टेस्ट महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर की जाँच का पता करने की एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसमें ब्रैस्ट के पूरे चित्र लेने के लिए कम-ऊर्जा वाले एक्स-रे का उपयोग होता है। इन एक्स-रे की तस्वीर (image) को मैमोग्राम कहा जाता है। मैमोग्राफी में ब्रैस्ट में होने वाले बदलाव को डिजिटल रूप से दिखाया जाता है। मैमोग्राफी में कम ऊर्जा (low-energy) छोड़ने वाली किरण मशीन का उपयोग होता है। इसमें milk-duct में होने वाले बदलाव या गाँठ का जल्द पता चल जाता है।
- राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, Skin Cancer के बाद ब्रैस्ट कैंसर (breast cancer) महिलाओं में सबसे आम और प्रमुख है। मेडिकल टेस्ट में ट्यूमर और ब्रैस्ट कैंसर का पता करने के लिए काफी टेस्ट है, लेकिन मैमोग्राम(mammogram) टेस्ट सस्ता और सटीक (accurate) जानकारी देने वाला टेस्ट है।
- वास्तव में मेम्मोग्राम टेस्ट दो स्तिथि में करवाया जाता है। एक मैमोग्राफी स्क्रीनिंग (Screening Mammography), जिसमें ब्रैस्ट कैंसर की पहचान करके इलाज किया जाता है। अगर ट्यूमर या कैंसर की पहचान शुरू में हो जाए तो ऑपरेशन में पूरा स्तन निकालना नहीं पड़ता। दूसरा डायग्नोस्टिक मैमोग्राफी (Diagnostic Mammography), जिसे ट्यूमर के लक्षण दिखने के बाद कराया जाता है।
- स्क्रीनिंग मैमोग्राफी: इस प्रक्रिया का उपयोग महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर की जांच के लिए किया जाता है जो रोग के कोई लक्षण नहीं दिखाते हैं। इसमें आम तौर पर प्रत्येक ब्रैस्ट के दो एक्स-रे चित्र लिए जाते हैं। एक्स-रे चित्र ट्यूमर दिखा सकते है जिसे महसूस नहीं किया जा सकता। स्क्रीनिंग मैमोग्राम को भी माइक्रोकैल्सिफिकेशन (small deposits of calcium) से जाना जा सकता है जो कि ब्रैस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है।
- डायग्नोस्टिक मैमोग्राफी: ब्रैस्ट कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी टेस्ट किया जाता है जो गांठ (lump) या अन्य लक्षण और ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण पाए जाने के बाद मिलते हैं। लक्षणों में ब्रैस्ट में दर्द, ब्रैस्ट की आकृति या माप में परिवर्तन, ब्रैस्ट या nipple की त्वचा की मोटाई या रंजकता आदि शामिल है। स्क्रीनिंग मैमोग्राम में देखी गई असामान्यता का मूल्यांकन करने के लिए नैदानिक मेमोग्राम भी किया जा सकता है।
- मैमोग्राफी की प्रक्रिया क्या है?
मेम्मोग्राम आमतौर पर हॉस्पिटल या लैब में किया जाता है। जिसमें कुछ निर्देशों का पालन करना पड़ता है। जो निम्न हैं:
- आपको हॉस्पिटल का गाउन पहनने के लिए बोला जाएगा।
- मैमोग्राफी टेस्ट के लिए lady रेडियोलॉजिस्ट द्वारा आपको मशीन के पास खड़ा कर दिया जाएगा।
- आपके ब्रैस्ट को मैमोग्राफी यूनिट की दो प्लास्टिक प्लेट के बीच में रखा जाएगा। इन प्लेट के बीच में आते ही इसे पैडल से दबाया जाता है जिससे आपको हल्का दर्द महसूस होगा। लेकिन इससे आपके ब्रैस्ट को कोई नुकसान नहीं होगा।
- आपके ब्रैस्ट के साफ़ और स्पर्श चित्र लेने के लिए ऐसा किया जाता है।
- आमतौर पर प्रत्येक ब्रैस्ट के दो दृश्य लिए जाते है, जिससे हमे चार एक्स-रे प्राप्त होते हैं।
- आपके ब्रैस्ट के निप्पल पर छोटे-छोटे चिपकने वाले बिंदु लगाए जाएंगे, जिससे उन्हें X-Ray में देखा जा सके।
- X-Ray लेने के समय आपको गहरी साँस लेने और रोकने के लिए कहा जाएगा।
- X-Ray लेने में कुछ सेकंड का समय लगता है।
- डॉक्टर द्वारा निर्दिष्ट किए जाने पर और अतिरिक्त चित्रों को लिया जा सकता है।
टेस्ट के बाद परिणाम आपके डॉक्टर को भेजे जाते हैं। जिनके बारे में वो आपको बताएंगे।
ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण / Reasons of breast cancer in Hindi
हालाँकि breast screening या मैमोग्राफी 45 साल से अधिक आयु वाली महिलाओं के लिए एक नियमित वार्षिक प्रक्रिया होनी चाहिए, कुछ महिलाओं में लक्षणों के साथ, इसकी प्रारंभिक परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है। ये लक्षण हैं:
- ब्रैस्ट में गांठ या मोटी त्वचा।
- ब्रैस्ट ओर हाथों की नीचे (बगल) दर्द होना या सूजन होना।
- एक या दोनों ब्रैस्ट के आकार, रंग और आकृति में परिवर्तन होना।
- निप्पल्स का अंदर की और धंसना या उनमे से गंदा पानी निकलना या आसपास लाल चकते पड़ना।
- ब्रैस्ट की त्वचा में कमजोरी होना।
- बगल में गांठ होना।
मैमोग्राफी (Mammography) टेस्ट के लिए जाने से पहले कुछ सावधानी बरतनी चाहिए:
- अगर आप गर्भवती है होने की संभावना है, या आपको विकिरण में आने से हानिकारक प्रभाव होते हैं तो अपने डॉक्टर को ज़रूर सूचित करें।
- मासिक अवधि के एक हफ्ते में मैमोग्राफी टेस्ट करना अच्छा होता है, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान शरीर में हॉर्मोन्स परिवर्तन के कारण ब्रैस्ट सॉफ्ट हो जाते हैं।
- यदि आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को सूचित करें।
- टेस्ट से पहले परफ्यूम, पाउडर, इत्र, मलहम, क्रीम, कोई भी कॉस्मेटिक सामान या किसी भी प्रकार का लोशन अपने ब्रैस्ट और बगल (हाथों के नीचे वाली जगह) पर न लगाएं। इनके प्रयोग से मेम्मोग्राम की व्याख्या करना कठिन होगा। इन पदार्थों से एक्स रे चित्र ख़राब हो सकते हैं जिसके कारणवंश गलत सकारात्मकता रिपोर्ट आ सकती है।
- मोबाइल, पर्स व अन्य धातु (Metalic) वस्तु साथ में न ले जाएं।
- पूर्व मैमोग्राम की रिपोर्ट को साथ में ले जाए ताकि डॉक्टर वर्तमान रिपोर्ट के साथ तुलना कर सकें।
मैमोग्राफी टेस्ट किसको कराना चाहिए?
- 40 से 54 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर साल स्क्रीनिंग मैमोग्राम करवाना चाहिए। 54 वर्ष की आयु के बाद, हर 2 साल में यह टेस्ट किया जा सकता है।
- जिनके परिवार में पहले किसी महिला को ब्रैस्ट या ओवेरियन कैंसर हुआ हो। ऐसी महिलाओं को 35 वर्ष की उम्र से हर साल मैमोग्राम करना चाहिए।
- जो महिलाएं chest radiation therapy लेती है, उन्हें 30 साल की उम्र में मैमोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए।
- अगर BRCA 1 और BRCA 2 जीन में गड़बड़ी हो।
- ब्रैस्ट में गांठ या आकर में परिवर्तन हो रहा हो।
- जो महिलाएं 30 साल के बाद माँ बनती हो और स्तनपान नहीं कराती, उन्हें टेस्ट ज़रूर कराना चाहिए।
- यदि आप अत्यधिक मोटे हैं और बाहर के fastfood जैसे खाने का अत्यधिक सेवन करते हो।
- ब्रैस्ट का इंप्लांट करने पर।
- महिलाएं जिनमें ब्रैस्ट कैंसर के लक्षण दिखते हैं।
- उच्च खतरे में, मैमोग्राम (mammogram) टेस्ट के साथ साल में एक बार डॉक्टर MRI ब्रैस्ट की सिफारिश कर सकते है।
ब्रैस्ट अल्ट्रासाउंड vs. ब्रैस्ट स्क्रीनिंग के लिए मेमोग्राम
ब्रैस्ट का अल्ट्रासाउंड ब्रैस्ट की आंतरिक संरचनाओं की तस्वीरें लेने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है, जबकि मेम्मोग्राम में एक्स-रे का उपयोग होता है। हालांकि अल्ट्रासाउंड कम दर्दनाक है और इसमें विकिरण का उपयोग नहीं होता, यह निदान प्रक्रिया की दूसरी पंक्ति है।
अल्ट्रासाउंड की सिफारिश तब की जाती है जब डॉक्टर मैमोग्राम या ब्रैस्ट एमआरआई में कुछ असामान्यताएं पाते हो। यह dense ब्रैस्ट ऊतक वाली महिलाओं के लिए भी उपयोगी हो सकता है। मैमोग्राम के मुकाबले अल्ट्रासाउंड का परिणाम अधिक false positive होता है, इसलिए डॉक्टर नियमित स्क्रीनिंग के लिए इसकी सिफारिश नहीं करते हैं।
ब्रैस्ट अल्ट्रासाउंड का अधिक विवरण जानने के लिए, आप यहां जांच सकते हैं।
मेमोग्राम टेस्ट या मैमोग्राफी टेस्ट के लाभ क्या हैं ?
- मेम्मोग्राम टेस्ट ब्रैस्ट का एक्स-रे है, जो कैंसर की पहचान जल्द करने में मदद करता है। प्रारंभिक चरण के कैंसर का 99% इलाज हैं।
- अगर मेम्मोग्राम में कोई असामान्य कोशिका की पकड़ होती है तो इलाज जल्दी किया जा सकता है।
- मेम्मोग्राम मिक्रोकेल्सिफिकेशन (microcalcification) का पता लगाने में सक्षम है, जो ब्रैस्ट कैंसर के प्रारंभिक दौर में कैल्शियम की छोटी जमा होती है।
- यह टेस्ट से 40-70 वर्ष की महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर का पता लगने पर उसका जल्दी इलाज करने में अधिक सहायकमंद है।
- मैमोग्राफ में X-Ray की कम खुराक का उपयोग होता है, इसलिए यह अधिक हानिकारक नहीं है।
भारत में मेमोग्राफी / MRI Scan Breast टेस्ट कैसे बुक कर सकते हैं?
भारत में मेमोग्राफी MRI Scan Breast/ मैमोग्राफी टेस्ट कीमत जानने और बुक करने के लिए आप हमें +918061970525 पर कॉल या Whatsapp कर सकते हैं। अगर आप हमारी टीम की तरफ से कॉल चाहते है या मैमोग्राफी टेस्ट के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी दें :
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हेलो उमर, आपको सबसे पहले डॉक्टर के पास जाके सलाह लेनी चाहिये वही आपको अच्छे से बता पाएंगे और अगर वो कोई टेस्ट करने को बोलते है तो आप हमें इस नम्बर 9999279113 पर कॉल कीजियेगा हम आपका अच्छी से अच्छी लैब में टेस्ट बुक करदेंगे।