विटामिन ई की भूमिका और कमी के लक्षण
विटामिन ई की शरीर में भूमिका
आमतौर पर सभी लोग जानते है कि vitamins हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना ज़रूरी है। हमारे शरीर में अलग अलग विटामिन का अलग अलग महत्व है। इन सभी विटामिन में से एक विटामिन ई टेस्ट है जो हमारे शरीर को रोग -प्रतिरोधक क्षमता और एलर्जी से बचाता है। विटामिन ई सबसे ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विटामिन ई यौगिकों के एक समूह का प्रतिनिधि है जिसमें टोकोट्रॉयनॉल और टोकोफेरॉल दोनों निहित हैं। यह खून में लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। शरीर के अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांसपेशियां व कोशिकाएँ। यह शरीर को ऑक्सीजन के नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) भी कहते है।
शरीर में विटामिन ई की कमी कैसे होती है ?
आजकल कई लोग फैट ना बढ़ाने की वज़ह से कम वसा वाला खाना खाते हैं, जिस कारण उनमें विटामिन ई की कमी हो जाती है। विटामिन ई की कमी से शरीर की मासपेशियां कमज़ोर होने लगती है, जिसके कारण शरीर और आँखे कमज़ोर हो जाती हैं। यदि आपको एक तरह के खाना खाने से विटामिन ई की कमी नहीं होती, तो इसके अलावा कई तरह की बीमारियां जैसे क्रोह्न (Crohn) या गैलब्लेडर डिसऑर्डर (gallbladder disorders) जैसी बीमारी भी हो सकती हैं।
₹ 200 का वाउचर पाएँ और LabsAdvisor के साथ कोई भी मेडिकल टेस्ट करवाएँ।
कोड प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
विटामिन ई के अच्छे स्त्रोत
हमारा शरीर विटामिन ई का निर्माण नहीं करता, इसलिए हमें विटामिन ई पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। देखा जाए तो खाने से विटामिन ई प्राप्त करना कोई मुश्किल काम नहीं है। हम सभी खाना बनाने के लिए तेल का उपयोग करते हैं, जो विटामिन ई का सबसे अच्छा स्त्रोत हैं। इसलिए हमे अच्छे तेल का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। विटामिन ई के अन्य स्त्रोत निम्न हैं:-
सूखे मेवे, अंडे, बादाम और अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूरजमुखी के बीज, शकरकंद, शलजम, सरसों,ब्रोकली, कड लीवर ऑयल, पपीता, आम, कद्दू, पॉपकार्न इत्यदि विटामिन ई के स्रोत है।
विटामिन ई की कमी के लक्षण
- विटामिन ई की कमी से मायोपैथी की शिकायत होने लगती है और मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है।
- विटामिन ई की कमी से आंखों का रेटिना और उसका डि-जेनरेशन पतला हो जाता है। डि-जेनरेशन से आंखों के अंदर की परत प्रभावित होती है। जिसकी वज़ह से आंखों के मूवमेंट में असामान्य स्थिति पैदा हो जाती है और धुंधला दिखाई देने लगता है और रात के समय में भी ठीक से दिखाई नहीं देता।
- शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से खून की कमी हो जाती है। जिससे शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन सही नही होता है और शरीर में एनीमिया की बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- विटामिन ई की कमी से जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो जाता है। विटामिन ई की कमी को पूरा करने के लिए टोकोफेरोल ट्रीटमेंट दिया जाता है।
- विटामिन ई की कमी से हमारा सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) सही से काम नहीं करता। जिसकी वज़ह से मानसिक बीमारियां जन्म लेने लगती हैं।
- शरीर के अंगों का सही तरह से कार्य न करना, चलने में लड़खड़ाट होना, शरीर में कमजोरी महसूस होना और प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाना।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग
- तंत्रिका से संबधित परेशानी
- मांसपेशियों में कमजोरी होना
- खून की कमी होना
- नजर कमज़ोर होना
- एनिमीया
- दिमाग की नसों की समस्या का होना
विटामिन ई के फायदे/ विटामिन ई के उपयोग
- विटामिन ई हमे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
- यह त्वचा की देखभाल करने और स्वस्थ रखने वाला विटामिन है। यह त्वचा को झुर्रियों, रूखेपन, समय से पहले बूढ़ा होने और सूरज की हानिकारक पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों से बचाता है।
- विटामिन ई लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में भी सहायकमंद है।
- शरीर में विटामिन ई की अधिक मात्रा से दिल की बीमारी का खतरा कम होता है।
- महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द से भी बचाता है।
- विटामिन ई की कमी डायबिटीज(Sugar) का खतरा बढ़ा देती है।
- ब्रेस्ट कैंसर और एलर्जी की रोकथाम के लिए उपयोगी है।
- शरीर में अन्य विटामिन के भंडारों का रखरखाव करता है।
- विटामिन ई हमारे शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।
विटामिन ई के शरीर में दुष्प्रभाव/ विटामिन ई की कमी के साइड इफेक्ट्स
विटामिन ई युक्त भोजन खाना नुकसानदेह या खतरनाक नहीं है। लेकिन सप्लीमेंट के रूप में विटामिन ई की हाई डोज लेना नुकसानदेह हो सकता है। इसकी अधिकता से खून के बहने का खतरा बढ़ जाता है और मस्तिष्क में भी गंभीर रक्तस्राव (Bleeding) हो सकता है। गर्भवती महिला में विटामिन ई की अधिक मात्रा के होने से बच्चे के बर्थ में डिफेक्ट हो सकता हैं। इसलिए विटामिन ई के सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
जिन लोगों में विटामिन K की कमी हो, उनको विटामिन ई का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। अगर अधिक मात्रा में विटामिन ई का सेवन करा जाए तो मृत्यु भी हो सकती है।
₹ 200 का वाउचर पाएँ और LabsAdvisor के साथ कोई भी मेडिकल टेस्ट करवाएँ।
कोड प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
विटामिन ई टेस्ट की कीमत / विटामिन ई टेस्ट की कीमत
आप अपने विटामिन ई के टेस्ट LabsAdvisor.com के साथ इस नंबर पर 09811166231 कॉल करके Home Collection की व्यवस्था के साथ बुक करा सकते हैं या नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं। जिसमे आपको टेस्ट के लिए अच्छी गुणवत्ता की लैब्स प्रदान की जाएँगी।
विटामिन ई टेस्ट | विटामिन ई टेस्ट की कीमत |
दिल्ली में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,610 |
गुड़गांव में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,610 |
नोएडा में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,610 |
गाज़ियाबाद में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,150 |
फरीदाबाद में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,610 |
मुंबई में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,150 |
बेंगलुरु में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,150 |
हैदराबाद में विटामिन ई के टेस्ट की कीमत | ₹ 1,150 |
आप हमको [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं या फोन वापसी के लिए नीचे दिए गए फार्म को भर सकते हैं।
LabsAdvisor.com के द्वारा लिखे गए अन्य लेखों की सूची निम्न है, जो आपके लिए उपयोगी हो सकते है :-
- भारत में थायराइड रोग की पूरा गाइड
- विटामिन डी की सम्पूर्ण गाइड
- दिल्ली, गुडगाँव, नोएडा में मैमोग्राफी टेस्ट बुक करें
- दिल्ली गुडगाँव नोएडा में डेक्सा स्कैन (Dexa Scan) डिस्काउंट रेट पर बुक करें
To read this article in English, click here: Vitamin E deficiency cause of infertility in India – Know symptoms of vitamin E deficiency and book online